गजल
ASHOK KUMAR
AMBASSADOR OF IFCH
आँखो मे आँसू दिल में अदा के शोले
ये अंजामे -मुहब्बत नही तो क्या है
चिपक रही रुह तेरी रुह से इस कदर इश्क अजमाने को
कुरेदते कतरा -कतरा लहू का ये मुहब्बत नही तो क्या है
सारा शहर बदनाम करने पर आमादा है
इतनी मदहोश हो भूल गई आबरु क्या है
कैसे करु गुफ्तगू इस जहाँ से चर्चा -ए -आम हो रहा
मुहब्बत इस कदर हावी हुई खानदान बदनाम हो रहे
मगर जोर नही किसी का इश्क पर
सुन ले जमाना ये तो खुदा की रहमत है
INDIA
MAY 20,2020
©️®️
ASHOK KUMAR
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