2020/07/05

दिल से ! ASHOK KUMAR मिट्टी से बना ,इसी मिट्टी मे फना हो जाऊंगा मरते दम तक माँ भारती की लाज बचाऊंगा





     लहू जो  दौड़ रहा मेरी नसो में तेरा 
        अपना फ़र्ज़  मरते दम तक निभाऊंगा 
      न देख सके दुश्मन तिरछी नजरों से तुझे मां 
         सरहद पर में तेरा रक्षक बन जाऊंगा
          आन बान शान की खातिर तेरी तिरंगे 
             लहू का कतरा- कतरा दे जाऊंगा 
        न मिटे यह मुहब्बत दिल से तेरी मां भारती 
        मर भी गया तो लौटकर फिर तेरे लिए आऊंगा 

भारत 
जुलाई 06,2020
©️®️
अशोक कुमार     
प्रधानाचार्य  नई बस्ती पट्टी चौधरान  BARAUT BAGHPAT  UTTAR PRADESH
प्रस्तुत कविता भारत के वर्तमान शिक्षा मंत्री श्री रमेश कुमार पोखरियाल निशंक की कविता से प्रेरित होकर मेरे द्वारा रचित की गई है ।त